New Instructions To Schools: बढ़ती हुई जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ और बच्चों की सेहत को देखते में रखते हुए भारत सरकार और शिक्षा विभाग ने स्कूलों की कैंटीन में बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर सख्त नजर रखना शुरू कर दिया है।

अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है, कि स्कूलों में बच्चों को केवल पौष्टिक के साथ स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही उपलब्ध कराया जाए। इस पहल के अंतर्गत कई ऐसे खाद्य एवं पेय पदार्थों पर रोक लगा दी गया है।
जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं। यदि आपका भी बच्चा स्कूल में अध्ययन कर रहा है, तो आपको भी जानना बहुत आवश्यक है, की सरकार द्वारा यह कदम क्यों उठाया गया तो आईए नीचे पूरी जानकारी डिटेल में जानते हैं।
क्यों उठाया गया यह कदम?
बचपन में ही गलत खानपान की आदतो से बच्चों को मोटापा, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर एवं अन्य गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता हैं। जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन बच्चों के शारीरिक विकास और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। इसी कारण शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिया है, कि वे कैंटीन में अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों को न बेचें।
कौन-कौन सी चीजें हुईं स्कूलों में बैन?
- चिप्स और पके हुए स्नैक्स: अत्यधिक तेल और नमक होने के कारण यह बच्चों के लिए हानिकारक होता हैं।
- कोल्ड ड्रिंक्स और शुगरी ड्रिंक्स: इनमें अत्यधिक चीनी होती है, जो मोटापे और दांतों की समस्याओं का कारण बनता है।
- पैकेज्ड केक और कुकीज़: इनमें ट्रांस फैट और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हैं।
- इंस्टेंट नूडल्स और सूप: इनमें सोडियम और रसायन अधिक मात्रा में होते जिससे बच्चों का सेहत बिगाड़ सकता हैं।
- चॉकलेट और कैंडी: इनमें चीनी और आर्टिफिशियल फ्लेवर होते हैं, जो बच्चों की ऊर्जा को असंतुलित करता है जिससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं।
क्या मिलेगा अब स्कूलों के कैंटीनो में?
अब स्कूल कैंटीन में जिला तत्व जैसे: ताजे फल, सलाद, स्प्राउट्स, दूध, छाछ, नींबू पानी जैसे पोषक पेय पदार्थ और घरेलू खाना जैसे इडली, उपमा, खिचड़ी, पोहा आदि पोशाक तत्वोंको प्राथमिकता दी जाएगी। इससे बच्चे न केवल सेहतमंद रहेंगे अपितु उनका वृद्धि विकास अच्छे से होगा।